केरल के तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ब्रिटिश F‑35B फाइटर जेट की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद उसकी मरम्मत एवं प्रबंधन के लिए तकनीकी टीम यूके से पहुंची है। 14 जून को खराब मौसम और ईंधन की कमी के कारण यह जेट इमरजेंसी लैंड हुआ था और तब से जमीन पर ही स्थिर है ।
6 जुलाई को रॉयल एयर फोर्स के A400M एटलस विमान में 24–25 ब्रिटिश इंजीनियर पहुंचे। इनमें 14 टेक्निकल विशेषज्ञ हैं, जो MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल) सुविधा में जेट का मूल्यांकन और आवश्यक मरम्मत करेंगे। JET को हवाई पट्टी से हटाकर एक खास हैंगर में शिफ्ट कर दिया गया, जहाँ CISF गार्ड तैनात हैं ।
ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि भारत द्वारा उपलब्ध कराई गई MRO सुविधा स्वीकार कर ली गयी है और सभी आवश्यक औपचारिकताओं पर काम चल रहा है। भारत-यूके सेनाओं और अड्डा अधिकारियों के बीच सहयोग इस मिशन में जारी है।
यदि ऑन-साइट मरम्मत सफल न हुई, तो जेट को आंशिक रूप से डी-कॉम्पोज करके C-17 ग्लोबमास्टर जैसे बड़े परिवहन विमान से वापस ले जाने की संभावना भी बनी हुई है ।
उल्लेखनीय है कि इस ट्विस्ट ने केरला टूरिज्म को भी आकर्षित किया—एक हल्के-फुल्के प्रोमोशन अभियान में फाइटर जेट को ‘पांच-स्टार’ अनुभवकर्ता बताया गया, जिसने सोशल मीडिया में व्यापक चर्चा छेड़ दी ।