अमेरिका में फिर फायरिंग: दुनिया का शक्तिशाली देश अपने ही गन कल्चर कानून से परेशान, बाइडेन बोले- ‘मैं यह सब देख थक गया हूं’

विश्व का सबसे ताकतवर देश अमेरिका अपने ही बनाए गए कानून से अब परेशान हो गया है. यह कानून है ‘फ्री गन कल्चर’. कुछ वर्षों पहले तक अमेरिका में गन कल्चर का चलन सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता था. लेकिन अब इस कानून को खत्म करने के लिए मांग उठने लगी है. इसकी वजह है कि स्कूलों, धार्मिक स्थलों, सर्वजनिक स्थानों और रेलवे स्टेशनों पर आए दिन हो रही फायरिंग की घटनाओं में बेगुनाह लोगों की मौत अब अमेरिकी सरकार के लिए ‘सिरदर्द’ बन चुकी है. मंगलवार को अमेरिका के टेक्सास स्थित एक स्कूल में हुई फायरिंग की घटना में कई बच्चों की मौत से एक बार फिर दुनिया में दहशत फैल गई. यह घटना ऐसे समय हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ‘क्वाड’ की बैठक में शामिल होने के लिए जापान में थे. इस घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ‘मैं यह सब देख कर थक गया हूं’.

अमेरिका में एक बार फिर से गोलीबारी की घटना ने राष्ट्रपति जो बाइडेन सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है. विश्व के सबसे बड़े ताकतवर देश अमेरिका में सार्वजनिक स्थानों पर फायरिंग की घटना थमने के बजाय और बढ़ती जा रही है. अमेरिकी सरकार अब युवाओं द्वारा की जा रही गोलीबारी से चिंतित है. इस साल अब तक अमेरिका के 27 स्कूलों में गोलीबारी हो चुकी है. वहीं देशभर में गोलीबारी की 200 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं. (अमेरिका में ऐसी घटनाओं का होना सबसे प्रमुख कारण ‘गन कल्चर’ है. इसको हम सरल भाषा में अगर कहे तो अमेरिकी नागरिक कोई भी दुकान से बंदूक खरीद सकता है. उसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ती है). ‌यही कारण है कि अमेरिका में आए दिन युवाओं द्वारा फायरिंग की घटना को अंजाम दिया जाता है. जिसकी वजह से बेगुनाह लोगों की मौत हो जाती है.

अमेरिका में गन कल्चर बेहद ही आम, संवैधानिक अधिकारों में है शुमार

पिछले काफी समय से पूर्व की अमेरिकी सरकारों ने फ्री गन कल्चर बंद करने के लिए कई बार पहल की लेकिन अभी तक इस पर अंतिम मुहर नहीं लगाई जा सकी है. अमेरिका में गोलीबारी की घटनाओं के मद्देनजर बंदूक रखने के नियमों को सख्त बनाए जाने की मांग की जाती रही है, लेकिन गन कल्चर के समर्थकों का एक बड़ा तबका ऐसा है जो मानता है कि बंदूक रखने पर रोक लगाए जाने से उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाएगा. अमेरिका में 100 में से 88 अमेरिकी नागरिकों के पास गन है. द ब्रैडी कैम्पेन टू प्रिवेंट गन वायलेंस के मुताबिक अनुमानित तौर पर अमेरिका में हर साल हजारों लोग बंदूक से मारे जाते हैं. अमेरिका में गन कल्चर बेहद आम है. हथियार रखना आम आदमी के संवैधानिक अधिकारों में शुमार है. यही वजह है कि आए दिन फायरिंग की कोई न कोई घटनाएं देखने को मिलती हैं. बता दें कि अमेरिकी राज्य टेक्सास युवाल्डे में रॉब एलिमेंट्री स्कूल में 18 वर्षीय युवक ने अंधाधुंध फायरिंग की.

इस हमले में 18 छात्रों और 3 टीचर की मौत हो गई। 13 बच्चे, स्कूल के स्टाफ मेंबर्स और कुछ पुलिसवाले भी फायरिंग में घायल हुए हैं. ‘जापान से लौटने के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर हमें पूछना चाहिए कि गन लॉबी के खिलाफ हम कब खड़े होंगे और वो करेंगे जो हमें करना चाहिए, जो बाइडेन ने कहा है कि मैं यह सब देखकर थक गया हूं, अब हमें एक्शन लेना होगा। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें पूछना होगा कि भगवान के नाम पर हम कब बंदूक की लॉबी के खिलाफ खड़े होंगे और हमें क्या करने की जरूरत है?माता-पिता अपने बच्चों को फिर कभी नहीं देखे पाएंगे’. पुलिस अधिकारियों ने हमलावर को मारने का दावा किया है. अभी उसकी पहचान को लेकर कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. टेक्सास के स्कूल में हुई गोलीबारी से पूरे अमेरिकी में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में दहशत का माहौल है.

–शंभू नाथ गौतम

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