नई दिल्ली की एक अदालत ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समृते को संसद भवन को उड़ाने की धमकी देने के मामले में छह महीने की सजा सुनाई है। यह मामला सितंबर 2022 का है, जब संसद भवन को एक स्पीड पोस्ट पार्सल प्राप्त हुआ, जिसमें एक धमकी भरा पत्र, भारतीय संविधान की प्रति, राष्ट्रीय ध्वज और एक संदिग्ध पदार्थ शामिल था।
विशेष न्यायाधीश विकास धुल ने समृते को भारतीय दंड संहिता की धारा 506(II) के तहत दोषी ठहराया, जो गंभीर धमकी से संबंधित है। हालांकि, उन्हें विस्फोटक अधिनियम के तहत आरोपों से बरी कर दिया गया, क्योंकि जांच में पाया गया कि पार्सल में मौजूद पदार्थ विस्फोटक नहीं था।
समृते ने अपने पत्र में सरकार की नीतियों से असंतोष जताते हुए 70 मांगें रखीं थीं और चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें 30 सितंबर 2022 तक पूरी नहीं हुईं, तो वह संसद भवन को डायनामाइट से उड़ाने की कार्रवाई करेंगे। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि उन्होंने 19 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट को भी इसी तरह का पार्सल भेजा था, जिसके लिए एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है।