प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट’ के उद्घाटन सत्र में कहा कि भारत की विविधता में उत्तर-पूर्व क्षेत्र सबसे विविध है। उन्होंने इसे ‘अष्टलक्ष्मी’ के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह क्षेत्र व्यापार, परंपरा, वस्त्र उद्योग, पर्यटन, जैव-आधारित अर्थव्यवस्था, बांस उद्योग, चाय उत्पादन, पेट्रोलियम, खेल, कौशल, इको-पर्यटन, जैविक उत्पादों और ऊर्जा का एक समृद्ध केंद्र है।
मोदी ने इस क्षेत्र को एक नई विकास इंजन के रूप में प्रस्तुत किया, जो ‘ईस्ट’ (Empower, Act, Strengthen, Transform) के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पहले उत्तर-पूर्व को सीमांत क्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब यह विकास में अग्रणी बन गया है।
प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को पर्यटन के लिए एक पूर्ण पैकेज बताया और कहा कि यह ‘हील इन इंडिया’ मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।