हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अपने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस Mk-1A के लिए अमेरिका से तीसरा GE-404 इंजन प्राप्त किया है। यह इंजन भारतीय वायुसेना के बेड़े को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अगला इंजन इस महीने के अंत तक भारत पहुंचने की उम्मीद है।
तेजस Mk-1A एक उन्नत संस्करण है, जो चौथी और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बीच की खाई को भरने में सक्षम है। इसमें अत्याधुनिक हथियार प्रणालियाँ, रडार, और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं। तेजस Mk-1A की उत्पादन दर में वृद्धि से भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता में सुधार होगा।
इस विकास के साथ, HAL ने तेजस Mk-1A के लिए इंजन आपूर्ति में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए GE के साथ दीर्घकालिक सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाया है। इससे न केवल स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत की सामरिक स्वावलंबन की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
तेजस Mk-1A परियोजना भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में भारत को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकता है।