हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में अमेरिकी रक्षा विभाग से लगभग 180 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्राप्त की है, जो 400 से अधिक सैन्य अनुसंधान परियोजनाओं के लिए थी। इन परियोजनाओं में चिकित्सा शोध, विनाशकारी हथियारों का मुकाबला, और लेजर व रूपांतरित संरचनाओं जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों पर कार्य शामिल था।
हालांकि, अप्रैल 2025 में ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड को 2.2 बिलियन डॉलर के अनुदान और 60 मिलियन डॉलर के अनुबंधों को निलंबित कर दिया, जिससे इन परियोजनाओं को अचानक रोक दिया गया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे विश्वविद्यालयों में वामपंथी विचारधारा और एंटी-सेमिटिज़्म के खिलाफ कदम के रूप में बताया।
इस निर्णय ने हार्वर्ड के प्रोफेसर कातिया बर्टोल्डी की 6 मिलियन डॉलर की परियोजना को भी प्रभावित किया, जो सैन्य अनुप्रयोगों के लिए आकार बदलने वाली संरचनाओं पर आधारित थी। हार्वर्ड ने इस निर्णय को असंवैधानिक बताते हुए अदालत में चुनौती दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम अमेरिकी रणनीतिक शोध क्षमताओं को कमजोर कर सकता है, जबकि चीन जैसी राष्ट्रों ने समान नवाचारों में भारी निवेश किया है।