हरियाणा पुलिस विभाग में हाल ही में दो सिपाहियों की आत्महत्या ने राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार, जातिवाद और गैंगस्टर कनेक्शन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहली घटना में, एडीजीपी वाई. पुराण कुमार ने आत्महत्या की, जिसमें उन्होंने जातिवाद का आरोप लगाया था। इसके बाद, एएसआई संदीप लाठर ने भी आत्महत्या की और अपने सुसाइड नोट में पुराण कुमार पर ₹50 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि पुराण कुमार ने गैंगस्टर राव इंद्रजीत के खिलाफ हत्या के मामले में साक्ष्य मिटाने के लिए यह सौदा किया था। लाठर ने यह भी कहा कि यह आत्महत्या जातिवाद के कारण नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के डर से की गई है।
इस मामले में राव इंद्रजीत का नाम भी सामने आया है, जो एक गैंगस्टर है और हत्या के मामले में आरोपी है। लाठर ने आरोप लगाया कि पुराण कुमार ने इंद्रजीत के खिलाफ साक्ष्य मिटाने के लिए ₹50 करोड़ का सौदा किया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और गैंगस्टर कनेक्शन गहरे तक समाहित हैं।
राज्य सरकार ने इस मामले में “वेट एंड वॉच” की नीति अपनाई है और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि, खाप पंचायतों ने सरकार पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस घटना ने हरियाणा पुलिस के आंतरिक मुद्दों को उजागर किया है और राज्य में पुलिस सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है।