उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व सैनिकों (ex‑servicemen) को सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में हर बार आरक्षण मिलने की पूर्व की स्थायी व्यवस्था को मजबूत किया है। इससे राज्य सरकार और भर्ती संस्थानों को पूर्व सैनिकों को हर भर्ती में आरक्षण देने का कानूनी आधार प्राप्त हो गया है (उच्च न्यायालय का निर्णय)।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 26 जुलाई 2025 को कर्तव्यों से निवृत्त Agniveers (अग्निपथ से लौटे सैनिकों) के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण की घोषणा की। यह आरक्षण पुलिस, परिवहन, वन और अन्य विभागों में लागू होगा, बशर्ते उन्होंने चार वर्ष सेवा पूरी की हो। प्रस्ताव जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल को प्रस्तुत किया जाएगा ।
उच्च न्यायालय के इस निर्णय से पूर्व सैनिकों की नियोजन प्रक्रिया अब केवल एक बार आरक्षण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि नियमित भर्ती में उन्हें आरक्षण मिलेगा। इससे इस वर्ग को रोजगार सुरक्षा और सम्मान दोनों मिलेगा।
धामी सरकार ने इसके अतिरिक्त शहीद सैनिकों के परिवारों को बढ़ाया हुआ एक्स‑ग्रेशिया, Drone प्रशिक्षण कार्यक्रम, शौर्य स्थल का निर्माण, और Ex‑servicemen व उनके परिवारों को मुक्त यात्रा सुविधा जैसे कई अन्य लाभ भी घोषित किए हैं ।
ये पहलें राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ सैनिकों की पुनरुपयोगिता को बढ़ावा देती हैं, जिससे उनके सामाजिक एवं आर्थिक अधिकार संरक्षित होंगे।