जालंधर स्थित शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात तीन वेंटिलेटर मरीजों की मौत हो गई। घटना तब हुई जब अस्पताल की ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट में 25–30 मिनट तक तकनीकी खराबी आई, जिससे ऑक्सीजन का दबाव कम हो गया और तीनों गंभीर स्थिति में दम तोड़ गए ।
घटना की जानकारी मिलते ही पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने रात 12:55 बजे अचानक अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने उपस्थिति स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ये “unpardonable negligence” यानी भूलने योग्य नहीं है। मंत्री ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, SMO और एक एनेस्थेसिस्ट को निलंबित कर दिया, जबकि एक हाउस सर्जन को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन करते हुए 48 घंटे में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। साथ ही सभी अस्पतालों में इमरजेंसी व ICU में ऑक्सीजन बैकअप, जनरेटर और UPS व्यवस्था मजबूत करने के आदेश भी दिए गए हैं ।
विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री और मंत्री की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है, साथ ही पोस्ट‑मॉर्टम न कराने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। अब जांच दो पहलुओं—तकनीकी खराबी और मानवीय लापरवाही—का होगा, निर्णय रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा।