लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच लागू हुए सीजफायर को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि युद्ध के कई परिणाम हो सकते हैं, लेकिन व्यापार या समझौते की आशा में स्थायी शांति असंभव है—यदि कोई भूल से भारतीय भावना को कमजोर समझे तो वे बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है । शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को उसकी वास्तविक औकात दिखा दी, और भारत ने अपनी सैन्य शक्ति एवं न्यायपूर्ण कार्रवाई दोनों से अपनी ताकत सबके सामने रखी ।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हालिया युद्धविराम के बावजूद भारत की नीति में कोई नरमी नहीं आई—पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थायी रूप से निलंबित करने, वीजा प्रतिबंध, सीमापार व्यापार बंद व अन्य कठोर कदम इसी दृढ़ रुख का परिणाम हैं ।
इससे स्पष्ट संदेश गया कि भारत केवल युद्धविराम नहीं चाहता बल्कि पाकिस्तान को आतंकवाद समर्थक नेटवर्क को खत्म करने तक राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव बनाए रखेगा। शाह ने भावुक अंदाज में कहा कि सीमापार हमले एवं आतंकवादी गतिविधियों पर भारत सख्त रुख जारी रखेगा—शांति तभी संभव है जब दीर्घकालिक समाधान के लिए ठोस पहल हो ।