भोपाल/नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 28 और 29 जुलाई 2025 को ओडिशा तट के पास डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप से भारत की स्वदेशी प्रलय मिसाइल के दो सफल परीक्षणों की जानकारी दी। ये परीक्षण यूज़र इवैल्यूएशन ट्रायल्स के तहत किए गए, जिनमें मिसाइल ने 500 किमी सीमा तक सटीक मार्ग का अनुसरण करते हुए लक्ष्य को सटीकता से भेदा, और सभी परीक्षण उद्देश्यों को हासिल किया।
प्रलय एक क्वासि-बैलिस्टिक लांच क्षमता वाली मिसाइल है, जो 350‑700 किलो तक विस्फोटक भंडारण क्षमता रखती है । यह आधुनिक दिशा-निर्देशन प्रणालियों से लैस है, जिसमें संवेदनशील मार्गदर्शन और 10 मीटर से कम त्रुटि (CEP) शुद्धता शामिल है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO एवं सशस्त्र बलों की इस उल्लेखनीय उपलब्धि की प्रशंसा की, इसे लंबी सीमा तक तैनात होने योग्य तात्कालिक उत्तरदायी क्षमता वाला हथियार बताया ।
यह मिसाइल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, विशेष तौर पर चीन और पाकिस्तान की सीमाओं के समीप स्थित संवेदनशील इलाकों में त्वरित लक्ष्य हमलों को अंजाम देने के लिए।