आज, 20 अगस्त 2025 को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किए, जिनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को गंभीर अपराधों के आरोप में 30 दिन तक न्यायिक हिरासत में रखने पर पद से हटाने का प्रावधान है।
विपक्षी दलों ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए भारी हंगामा किया। कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल ने गृह मंत्री अमित शाह से पूछा कि 2010 के सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया।
विपक्षी सांसदों ने विधेयकों की प्रतियां फाड़कर उन्हें गृह मंत्री की ओर फेंका, जिससे सदन में अफरातफरी मच गई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक स्थगित कर दी गई।
सरकार ने इन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा है, और इन पर आगामी चर्चा की संभावना है।
विपक्ष का आरोप है कि इन विधेयकों का उद्देश्य गैर-भा.ज.पा. शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करना है। वहीं, सरकार का कहना है कि ये विधेयक राजनीतिक नेतृत्व में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाए गए हैं।