नवीन आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात पुनर्जीवित किया है, जिससे पिछले तीन महीनों (जुलाई–सितंबर) में देखी गई गिरावट को पलटा गया है। इस अवधि में आयात लगभग 1.8 मिलियन बैरल प्रति दिन तक पहुँच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, यह बढ़ोतरी त्योहारों के मौसम और ईंधन की मांग बढ़ने के चलते भारतीय रिफाइनरियों की पूर्ण क्षमता पर काम करने की प्रवृत्ति को दर्शाती है। साथ ही, रूस ने भी अपनी निर्यात गतिविधियाँ तेज़ की हैं।
हालांकि, अमेरिका के दबाव और नीतिगत बदलावों के संकेतों के बीच भारत इस आयात को लेकर संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है। कुछ रिफाइनरियों ने दिसंबर माह से रूसी कच्चे तेल की खरीद में कटौती की संभावना जताई है।
भारत की ऊर्जा रणनीति में यह बदलाव यह दिखाता है कि वह न केवल आपूर्ति की निरंतरता को प्राथमिकता दे रहा है, बल्कि विविध स्रोतों को शामिल करने की दिशा में कदम भी बढ़ा रहा है।