केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की पहल, ड्रोन से रखी जाएगी शिकारियों और अतिक्रमणकारियों पर नजर

उत्तराखंड में पर्यटक स्थल चोपता,  तुंगनाथ, रुद्रनाथ, देवरियाताल व मद्महेश्वर क्षेत्र, दुगलबिट्टा, बनियाकुंड में कस्तूरी मृग, मोनाल व अन्य जीव-जंतु इन दिनों विचरण करते देखे गए। इसके अलावा उच्च हिमालय क्षेत्र में ब्रह्मकमल, फेन कमल जैसी दुर्लभ पुष्प के साथ कई औषधियों का भंडार भी है।

ऐसे में वन्य जीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ड्रोन कैमरे की मदद लेगा। नए साल से केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ड्रोन कैमरे से शिकारियों व अतिक्रमणकारियों पर नजर रखेगा।  

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में 975.2 वर्ग किमी सेंचुरी क्षेत्र फैला हुआ है। सेंचुरी क्षेत्र में तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ व पर्यटक स्थल चोपता भी शामिल है। इसके अलावा प्रभाग में सेंचुरी क्षेत्र में 23 आबाद व गैर आबाद बस्ती क्षेत्र भी हैं।

पूरे प्रभागीय क्षेत्र में मोनाल, हिमालयन थार, घुरड़, लैपर्ड, बाघ समेत कई पशु-पक्षियों की प्रजातियां भी प्रवास करती हैं। साथ ही उच्च हिमालय क्षेत्र में जहां ब्रह्मकमल, फेन कमल जैसी दुर्लभ पुष्प के साथ कई औषधियों का भंडार भी है।


वहीं, तलहटी पर मीलों क्षेत्र में फैले बुग्याल भी हैं। ऐसे में शिकारियों द्वारा यहां वन्य जीवों के अवैध शिकार की संभावनाएं भी अधिक रहती हैं। साथ ही चोपता समेत अन्य कई जगहों पर बीते वर्षों में काफी हिस्से पर अतिक्रमण भी हुआ है, जिसे हटाने के लिए प्रभागीय स्तर पर पूर्व में कार्रवाई भी की जा चुकी है। 

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