केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। उन्होंने बताया कि OPS को वित्तीय बोझ के कारण 2004 में समाप्त किया गया था और इसके स्थान पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू किया गया था, जो एक परिभाषित योगदान आधारित योजना है। वर्तमान में लगभग 85 लाख केंद्रीय और राज्य सरकारी कर्मचारी NPS के तहत आते हैं
OPS के स्थान पर सरकार ने एक नई योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू की है, जो NPS के तहत एक विकल्प के रूप में उपलब्ध है। UPS के तहत कर्मचारी 25 वर्षों की सेवा के बाद अपनी अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में भी CCS पेंशन नियमों के तहत लाभ प्रदान किए जाते हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि OPS को फिर से लागू करने का कोई विचार नहीं है, और UPS को बेहतर पेंशन लाभ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन प्रदान करता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार OPS को फिर से लागू करने के पक्ष में नहीं है और UPS को एक बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रही है।