महाराष्ट्र के वसई-विरार शहर में भूमि घोटाले के मामले में पूर्व IAS अधिकारी अनिल कुमार पवार को गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 13 अगस्त को पवार के सरकारी आवास और उनके एक रिश्तेदार के घर पर छापेमारी की। इस दौरान कुल 1.33 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
पवार पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी भूमि को अवैध तरीके से बिल्डर्स को बेचने में मदद की। इस घोटाले में नगर निगम के टाउन प्लानर वाय एस रेड्डी, पूर्व पार्षद सीताराम गुप्ता और अरुण गुप्ता भी शामिल हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब मीरा-भायंदर पुलिस ने एक केस दर्ज किया, जिसमें यह खुलासा हुआ कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए आरक्षित सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण हो रहा था। बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर फरवरी 2025 में इन अवैध निर्माणों को गिरा दिया गया, जिससे लगभग 30,000 परिवारों को बेघर होना पड़ा।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह भी सामने आया कि पवार और अन्य आरोपियों ने प्रति स्क्वायर फुट ₹10 से ₹15 तक की रिश्वत ली थी। इस मामले में अन्य सीनियर अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की भी संलिप्तता की संभावना जताई जा रही है।