जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा केंद्र की ICU में रविवार रात हुई आग ने अस्पताल प्रशासन पर बड़ी लापरवाही के आरोप लगा दिए हैं। आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। घटना के समय ICU और सेमी-ICU में कुल 24 मरीज थे, जिनमें से अधिकांश की हालत कोमा में थी।
परिजनों का कहना है कि आग लगने के बाद अस्पताल में जरूरी सुरक्षा उपकरण मौजूद नहीं थे — ना पानी, ना फायर एक्सटिंग्विशर, ना सिलेंडर। कई मरीज बुना Rauch-भरी स्थिति में फंस गए क्योंकि धुआँ तेजी से फैल गया और कर्मचारियों ने समय पर मरीजों को बाहर नहीं निकाला।
इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जिनमें चार पुरुष और दो महिलाएँ शामिल हैं। पाँच अन्य मरीज अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में ही भर्ती हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत अन्य मंत्री मौके पर पहुँचे, स्थिति की समीक्षा की। राज्य सरकार ने इस मामले में गहरी जांच के लिए एक पुल-दलिका समिति (प्रोब पैनल) गठित की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षा मानकों में कहाँ कमी थी और इस तरह के हादसे फिर न हों।
यह घटना अस्पतालों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े करती है, विशेष रूप से उन स्थानों पर जहाँ जीवन-रक्षक चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।