अमेरिका से टैरिफ पर तनाव के बीच, रूस को निवेश का न्योता: जयशंकर बोले- भारतीय कंपनियों से मिलकर काम करें रूसी कंपनियां

भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस की कंपनियों से भारत में निवेश बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों ने विदेशी निवेशकों के लिए नए अवसर खोले हैं। जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत में शहरीकरण और उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव के कारण नई मांग उत्पन्न हो रही है, जो रूसी कंपनियों के लिए लाभकारी हो सकती है। उन्होंने रूस की कंपनियों से भारत में अपने साझेदारों के साथ “और अधिक सक्रिय रूप से” जुड़ने की उम्मीद जताई है।

यह बयान अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद आया है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में तनाव बढ़ा है। जयशंकर ने रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ नई दिल्ली में आयोजित 26वीं भारत-रूस अंतरसरकारी आयोग (IRIGC-TEC) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की। बैठक में ऊर्जा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। रूस ने भारत को तेल आपूर्ति जारी रखने और अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद विशेष प्रणाली के माध्यम से व्यापार जारी रखने का आश्वासन दिया है।

जयशंकर ने व्यापार घाटे को लेकर भी चिंता व्यक्त की, जो अब $58.9 बिलियन तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह असंतुलन तत्काल समाधान की आवश्यकता है और दोनों देशों को व्यापार संबंधों को संतुलित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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