जैशंकर ने कनिष्क बम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की, आतंकवाद को लगातार खतरा बताया

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 1985 के कनिष्क बम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे इतिहास के सबसे भीषण आतंकवादी कृत्यों में से एक बताया। इस हमले में 329 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश भारतीय नागरिक थे। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर इस घटना की 39वीं वर्षगांठ पर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की और कहा, “कनिष्क के पीड़ितों की याद हमें यह याद दिलाती है कि आतंकवाद को कभी सहन नहीं किया जाना चाहिए।”

इसके साथ ही उर्जा मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे भारत के खिलाफ एक घृणित आतंकवादी हमला बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी उग्रवादी कार्रवाइयाँ किसी सभ्य दुनिया में स्थान नहीं रखतीं।

कनाडा में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने भी पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर खड़ा है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है।

यह श्रद्धांजलि अर्पण आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता और शांति की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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