बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून 2025 को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण बहाल कर दिया है, जिससे पार्टी आगामी चुनावों में भाग लेने के योग्य हो गई है। यह निर्णय 2013 में हाई कोर्ट द्वारा पार्टी के पंजीकरण रद्द करने के फैसले को पलटते हुए आया है। पार्टी के वकील ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत बताया है।
यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। पार्टी के नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम की 2014 में युद्ध अपराधों के आरोप में मौत की सजा को हाल ही में रद्द किया गया था, जिससे पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है।
हालांकि, इस निर्णय ने देश में कट्टरपंथी तत्वों के प्रभाव को बढ़ा दिया है, जिससे राजनीतिक ध्रुवीकरण और अस्थिरता की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष छवि को प्रभावित कर सकता है।
अगले आम चुनाव जून 2026 तक होने की संभावना है, जिसमें जमात-ए-इस्लामी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।