मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एक बड़ा धोखाधड़ी मामला सामने आया है, जिसमें उम्मीदवारों ने मुन्ना भाई स्टाइल में फर्जी उम्मीदवारों को परीक्षा दिलवाने के लिए आधार कार्ड का दुरुपयोग किया। यह धोखाधड़ी तब उजागर हुई जब दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान परीक्षा के रिकॉर्ड में उम्मीदवार की फोटो और वर्तमान आधार फोटो में मेल नहीं खा रहे थे।
इस धोखाधड़ी में शामिल होने के आरोप में कम से कम एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें असली उम्मीदवार और उनके स्थान पर परीक्षा देने वाले फर्जी उम्मीदवार दोनों शामिल हैं। इन फर्जी उम्मीदवारों ने परीक्षा में बैठने के लिए आधार कार्ड की बायोमेट्रिक जानकारी में छेड़छाड़ की थी। पुलिस ने बताया कि यह धोखाधड़ी अलीराजपुर, मुरैना और श्योपुर जिलों में पाई गई है।
पुलिस के अनुसार, यह धोखाधड़ी पूरी तरह से सुनियोजित थी, जिसमें उम्मीदवारों की आधार बायोमेट्रिक जानकारी पहले और बाद में बदलकर फर्जी उम्मीदवारों को परीक्षा दिलवाया गया। यह धोखाधड़ी केवल तब उजागर हुई जब अंतिम सत्यापन के दौरान बायोमेट्रिक मिलान में असमानताएँ पाई गईं।
इस मामले में कुल 19 एफआईआर दर्ज की गई हैं, और पुलिस ने इस पूरे भर्ती प्रक्रिया की गहन जांच शुरू कर दी है। यह मामला मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के समान एक बड़ा भर्ती घोटाला बनता जा रहा है।