झारखंड के पलामू जिले के केदल गांव में तड़के करीब 12:30 बजे, नेपाल से प्राप्त सुरागों के आधार पर सुरक्षा बलों ने माओवादी रुख्दारों—विशेषकर Tritiya Sammelan Prastuti Committee (TSPC) गुट के कमांडर शशिकांत गंजू और उनकी टीम—की मौजूदगी के चलते कार्रवाई शुरु की।
जैसे ही सुरक्षा जवानों ने कार्रवाई स्थल पर कदम रखा, TSPC के सदस्य जानलेवा गोलीबारी करना शुरू कर दिए। इस जवाबी संघर्ष में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिन्हें तत्काल मेडिनिराई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक अन्य का इलाज जारी है।
पलामू के डीआईजी नौशाद आलम ने बताया कि यह एक सुनियोजित और तीव्र मुठभेड़ थी, जो उस क्षेत्र में जारी सुरक्षा अभियानों की बढ़ती चुनौतियों को उजागर करती है। इस घटना ने न केवल सशस्त्र बलों को झकझोरा है, बल्कि झारखंड में माओवादी गतिविधियों की गंभीरता को भी एक बार फिर रेखांकित किया है। सुरक्षा अधिकारियों ने इलाके की निगरानी और तलाशी अभियान जोर-शोर से तेज कर दिया है, ताकि इस तरह की हमलों को रोका जा सके और समुदाय में भय की स्थिति को शांत किया जा सके।
यह घटना झारखंड में माओवादी विद्रोह, विशेषकर TSPC जैसे फ्रैगमेंटेड गुटों के सक्रिय होने की ओर गंभीर ध्यान खींचती है। माओवादी हिंसा और अलग-अलग गुटों की बढ़ती गतिविधियों के बावजूद, सरकार और केंद्र की ओर से माओवाद के खिलाफ संभावित कार्रवाई का संकल्प स्पष्ट है।