तामिळगा वेत्त्री कल्यागम (टीवीके) ने करूर स्थित दशर्र्गा सभा के दौरान हुई भयंकर भगदड़ (जिसमें 41 लोग मारे गए) की जांच में पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा नेतृत्व किए जाने वाले निष्पक्ष दल की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
टीवीके का तर्क है कि मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) पूर्वाग्रही है और उसे राज्य पुलिस अधिकारियों से मिलकर काम करने के कारण निष्पक्ष मानना मुश्किल है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय ने घटना स्थल से भागने की ओर टीवीके नेतृत्व की भूमिका पर उत्पन्न टिप्पणी की, जो याचिका में पक्षपातपूर्ण और अवैध मानी गई।
इस बीच, सर्वोच्च न्यायालय ने यह मामला 10 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है — यह याचिका मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की मांग खारिज किए जाने की चुनौती भी है। टीवीके का दावा है कि SIT की नियुक्ति के फैसले में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ और पूर्वाग्रह पैदा हुआ।
इस कदम से स्पष्ट संकेत मिलता है कि टीवीके घटना का राजनीतिक और कानूनी आयाम दोनों में लड़ने को तैयार है। सुप्रीम कोर्ट की इस याचिका पर बहस न केवल जांच की निष्पक्षता पर केंद्रित होगी, बल्कि यह देश में सार्वजनिक सभाओं की सुरक्षा और प्रशासन की जवाबदेही पर भी व्यापक संदेश दे सकती है।