भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन से जवाब तलब किया है। यह कदम पर्यावरणविद् और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ज. आंगमो द्वारा दायर की गई याचिका के बाद उठाया गया है।
गीतांजलि ने अपने पति की हिरासत को चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें गिरफ्तारी के कारणों और उनकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। वांगचुक को 26 सितंबर 2025 को लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत और 90 से अधिक लोग घायल हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की है। इससे पहले, गीतांजलि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी अपने पति की बिना शर्त रिहाई की अपील की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वांगचुक को शांतिपूर्ण तरीके से हिरासत में लिया गया है और यह गिरफ्तारी एक बड़े पैमाने पर हो रहे प्रदर्शन और आवाज को दबाने की कोशिश है।
वांगचुक ने जेल से एक संदेश में कहा है कि वह तब तक जेल में रहेंगे जब तक न्याय नहीं मिलता। उन्होंने लद्दाख के लोगों से शांति बनाए रखने और राज्य के दर्जे की मांग को अहिंसक तरीके से जारी रखने की अपील की है।
यह मामला नागरिक स्वतंत्रताओं, प्रशासनिक जवाबदेही और राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के उपयोग पर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। सुप्रीम कोर्ट की आगामी सुनवाई इस मामले में न्याय की दिशा तय कर सकती है।