केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 14 घोड़ों और खच्चरों की रहस्यमयी मौतों के बाद उत्तराखंड सरकार ने 24 घंटे के लिए इन जानवरों के उपयोग पर रोक लगा दी है। यह निर्णय 6 मई 2025 को लिया गया, जब दो दिनों में 14 जानवरों की अचानक मौत की खबरें सामने आईं।
इन मौतों के पीछे संभावित कारणों की जांच के लिए केंद्र और हरियाणा से विशेषज्ञ टीमों को बुलाया गया है। प्रारंभिक जांच में घोड़ों में नाक से स्राव और कमजोरी जैसे लक्षण पाए गए, जो एक्वाइन इन्फ्लुएंजा या किसी बैक्टीरियल संक्रमण की ओर संकेत करते हैं। हालांकि, आरटी-पीसीआर परीक्षणों में वायरस की पुष्टि नहीं हुई है, जिससे बीमारी का वास्तविक कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
पशुपालन विभाग के सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि सभी जानवरों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है, और संदिग्ध लक्षण वाले जानवरों को तुरंत सेवा से हटा दिया जाएगा। यात्रा मार्ग पर जानवरों के उपयोग को फिर से शुरू करने से पहले सभी जानवरों का परीक्षण किया जाएगा, और केवल स्वस्थ पाए गए जानवरों को ही सेवा में लगाया जाएगा।
इस अस्थायी रोक के दौरान, तीर्थयात्रियों के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक हेलीकॉप्टर सेवाएं चालू हैं, जिससे यात्रा में सुविधा बनी रहे। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्रा जारी रहेगी, लेकिन जानवरों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।