भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारत आतंक के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। इस मिशन की सबसे बड़ी खासियत रही उसमें शामिल दो बहादुर महिला अफसर — कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। इन दोनों अधिकारियों ने न सिर्फ ऑपरेशन की कमान संभाली बल्कि बेहद कुशलता और साहस के साथ मिशन को अंजाम तक पहुंचाया।
सेना की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह ऑपरेशन 1 बजकर 5 मिनट से 1:30 बजे तक चला और इसमें कुल 9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया। ये कैंप पाकिस्तान और पीओके में फैले हुए थे और तीन दशकों से आतंकवाद को पनाह देने का अड्डा बने हुए थे। कर्नल सोफिया ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया और विशेष ध्यान रखा गया कि किसी नागरिक या सामान्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान न पहुंचे।
इस ऑपरेशन में महिला अफसरों की सक्रिय भूमिका ने एक नया इतिहास रच दिया है और यह साबित कर दिया कि देश की बेटियां अब सिर्फ सीमा पर ही नहीं, बल्कि रणनीति और नेतृत्व में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।