पितृ अमावस्या 2022: 25 सितम्बर पितृ अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त-महत्व

25 सितम्बर को पितर आशीर्वाद देकर अपने-अपने धाम को चले जायेंगे, माना जाता है कि इन दिनों पितरों का आह्वान करने से वे हमसे मिलने आते हैं और आशीर्वाद देकर जाते हैं. इन दिनों कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.

माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान कोई भी खुशी और उल्लास का काम करने से पितरों की आत्मा को कष्ट पहुंचता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, निमि ऋषि ने इसकी शुरुआत की थी.

अत्रि मुनि ने निमि ऋषि को श्राद्ध की जानकारी दी थी. बताया जाता है कि निमि ऋषि के पुत्र की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद वह काफी ज्यादा दुखी हो गए थे. उन्होंने अपने पितरों का आह्वान किया था और उनके पितृ उनके सामने प्रकट हुए.

उन्होंने बताया कि आपका पुत्र पहले ही पितृ देवों के बीच स्थान बना चुका है क्योंकि आपने अपने दिवंगत पुत्र की आत्मा को खिलाने और पूजा करने का काम किया है. यह अपने आप में पितृ यज्ञ के समान है, तभी से श्राद्ध की परंपरा शुरू हो गई.

सर्वपितृ अमावस्या मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या तिथि 25 सितंबर को सुबह 3 बजकर 10 से मिनट से शुरू होगी और अमावस्या तिथि 26 सितंबर को सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को मनाई जाएगी.

मुख्य समाचार

विज्ञापन

Topics

More

    Related Articles