हाल ही में दायर आरटीआई के जवाब में यह खुलासा हुआ है किUIDAI ने अब तक केवल 1.15 करोड़ आधार कार्ड निष्क्रिय (deactivated) किए हैं, जबकि लाखों मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड अभी भी सक्रिय बने हुए हैं। इतने कम निष्क्रीय कार्डों से यह स्पष्ट होता है कि देश भर में करोड़ों मृतकों के आधार नंबर सिस्टम में मजबूती से मौजूद हैं।
अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा प्रणाली में मृत्यु प्रमाणित होने पर भी आधार निष्क्रिय करने का कोई स्पष्ट तंत्र नहीं है। UIDAI और राज्य सरकारों के बीच “मृत्यु-विवरणा” साझा करने की व्यवस्था नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है ।
विश्लेषकों के अनुसार, इससे धोखाधड़ी, पहचान दुरुपयोग और वितरण योजनाओं में गड़बड़ी जैसे जोखिम बढ़ सकते हैं। अब विशेषज्ञों की मांग है कि UIDAI जल्द से जल्द मृतकों के आधार निष्क्रिय करने की प्रक्रिया अपनाए और राज्य स्तर पर जनसंख्यात्मक रिकॉर्डिंग को इस तकनीकी दौर से संगत बनाए।