मुंबई पुलिस ने ‘स्लैपगेट’ मामले में शिवसेना (शिंदे समूह) विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ गैर–संज्ञेय अपराध दर्ज करने का निर्णय लिया है। यह कार्रवाई उस वीडियो के वायरल होने के दो दिन बाद की गई, जिसमें गायकवाड़ को एमएलए होस्टल कैंटीन के कर्मचारी को थप्पड़ और मुक्का मारते देखा गया था।
कैंटीन कर्मचारी ने आरोप लगाया कि उसे “बासी” और “बार-बार खराब” खाना परोसा गया था, जिसके बाद विधायक गुस्से में बर्तन से खाने की दुर्गंध दूसरों पर महसूस कराने और कर्मचारियों को धमकाने लगे । घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गायकवाड़ की इस हरकत की कड़ी निंदा की और प्रशासन को जांच के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि पुलिस को शिकायत की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है और वीडियो वायरल होने के बाद बिना formal शिकायत कार्रवाई करने का निर्देश दिया । वरिष्ठ नेता ने विधायक के व्यवहार को “गंभीर” और “लोकतांत्रिक मर्यादा के खिलाफ” बताया । इस बीच, कैंटीन का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है, और खाने के नमूनों की जांच शुरू हो चुकी है ।
गायकवाड़ ने खुद को “जूडो–कराटे चैंपियन” बताया और NDTV को दिए साक्षात्कार में कहा कि “यदि फिर बासी खाना परोसा गया, तो ऐसे ही दोबारा कार्रवाई करूंगा” । इस मामले ने राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक में बढ़े जनाक्रोश को जन्म दिया है और सवाल उठाए हैं कि क्या निर्वाचित प्रतिनिधियों को अनुशासन से बांधा जाना चाहिए।