पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अप्रैल 2025 में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राजनीतिक तनाव गहराता जा रहा है। बीजेपी ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि यह हिंसा पूर्व नियोजित थी और इसमें टीएमसी के स्थानीय नेताओं की संलिप्तता थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 अप्रैल को धुलियान कस्बे में स्थानीय पार्षद महबूब आलम के निर्देश पर हमले किए गए, जिनमें विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया। हिंसा में 113 घरों को नुकसान पहुंचा और कई परिवारों को मालदा जिले में शरण लेनी पड़ी।
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और बहुसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से दोषी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़ितों से माफी मांगने की मांग की।
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा के लिए बाहरी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि राज्य सरकार वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लागू नहीं करेगी।
इस घटना ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है, जबकि टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह विपक्ष की राजनीतिक साजिश है।