वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार आगामी दहेज प्रणाली सुधार के दौरान Goods and Services Tax (GST) संरचना में बदलाव कर रही है, जिसके तहत 12% और 28% स्लैब को हटाकर दो मुख्य दरें—5% और 18%—और “sin goods” पर 40% की विशेष दर लागू की जाएगी।
राजस्व की दृष्टि से, Fitment Committee द्वारा तैयार प्रारूप में केंद्र और राज्यों के लिए करीब ₹40,000 करोड़ का संभावित घाटा अनुमानित है। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध के कारण GST और TDS संग्रह में करीब ₹20,000 करोड़ का और राजस्व नुकसान होने की आशंका है।
सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि ये घाटे अस्थायी होंगे और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि से संतुलित हो सकते हैं। इस वर्ष आयकर में ₹12.75 लाख तक सालाना अर्जित करने वाले कर्मचारियों को कर छूट दी गई थी, ताकि खपत को बढ़ावा मिल सके।
GST परिषद की 56वीं बैठक 3–4 सितंबर को होगी (उससे पहले 2 सितंबर को अधिकारियों की बैठक), ताकि यह योजना समय से—दूषहरा (2 अक्टूबर) तक—लागू हो सके। इन कदमों को प्रधानमंत्री मोदी ने “दिवाली गिफ्ट” के रूप में पेश किया था, जिसका उद्देश्य कर व्यवस्था को सरल बनाना और आम जनता पर कर बोझ कम करना है।