वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। उन्होंने बताया कि OPS वित्तीय दृष्टि से अस्थिर थी, जिससे सरकारी खजाने पर दीर्घकालिक दबाव पड़ता। इसलिए, कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू किया गया, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों नियमित योगदान करते हैं।
OPS की जगह, सरकार ने जनवरी 2025 में एक नई योजना, ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) शुरू की है। इस योजना के तहत, 25 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को उनके अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यदि कोई कर्मचारी इससे पहले सेवानिवृत्त होता है, तो पेंशन राशि अनुपातिक होगी। UPS, NPS के तहत एक विकल्प है, जो कर्मचारियों को बेहतर पेंशन सुरक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।
वित्त मंत्री ने कांग्रेस द्वारा UPS को OPS की वापसी के रूप में पेश करने की आलोचना की और इसे गलत बताया। उन्होंने कहा कि UPS NPS का एक उन्नत रूप है, जो कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है।
इस प्रकार, केंद्र सरकार ने OPS की बहाली की संभावनाओं को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है और कर्मचारियों के लिए UPS को एक स्थिर और सुरक्षित पेंशन विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है।