जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने हाल ही में सीमा सुरक्षा की समीक्षा बैठक में नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि बताया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बनाए रखें और किसी भी उभरती चुनौती का त्वरित और प्रभावी ढंग से सामना करें।
पिछले दिनों पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद, मुख्यमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों से आग्रह किया कि वे कार्रवाई करते समय निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचाएं। उन्होंने कहा, “दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन निर्दोषों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।”
सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नागरिक और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने, और संवेदनशील इलाकों में संचार प्रणाली को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संकट की घड़ी में राज्य की स्थिति को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम राज्य का दर्जा वापस पाने की मांग को स्थगित कर रहे हैं, क्योंकि मानव जीवन की कीमत पर कोई राजनीतिक सौदा नहीं किया जा सकता।”
ओमर अब्दुल्ला ने सभी संबंधित एजेंसियों से अपील की कि वे नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और किसी भी स्थिति में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।