उत्तर की ओर तनाव बढ़ने पर भारत ने ऑपरेशन सिंधु शुरू किया, ताकि ईरान में फंसे भारतीयों तथा नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा सके।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि अब तक 517 भारतीयों को सफलतापूर्वक देश वापस लाया जा चुका है, जिसके लिए ईरानी हवाई क्षेत्र खोलने में सहयोग मिला है । तीव्र संघर्ष के बीच इस अभियान के तहत दिल्ली तक अब तक तीसरी राहत उड़ान उतर चुकी है, जिसमें इराक्बाद (तुर्कमेनिस्तान) से आए भारतीय छात्रों सहित अन्य नागरिक शामिल हैं ।
विशेष रूप से, नेपाल और श्रीलंका की सरकारों द्वारा की गई औपचारिक मांगों के आधार पर, भारत ने उनका भी समावेश अपनी बचाव कोशिशों में किया है—यह गुटनिरपेक्ष और क्षेत्रीय सहयोग की मिसाल माना जा रहा है ।
पूर्ववर्ती संचालन जैसे ऑपरेशन गंगा, सुकोोन और रॉहट के अनुभव को आगे बढ़ाते हुए भारत ने ईरान में फंसे यात्रियों के लिए 24×7 हेल्पलाइन स्थापित की है और काउंसलर‑स्तरीय सेवाएं दी जा रही हैं।
MEA प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने प्रेस वार्ता में बताया कि “Operation Sindhu राष्ट्रीय दायित्व और मानवता की प्रतिबद्धता का प्रतीक है,” और कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो और फ्लाइट भेजी जाएंगी ।
इस प्रकार, ऑपरेशन सिंधु ने भारत की आतंक व अशांति भरे दौर में नागरिकों की सुरक्षा व समन्वय क्षमता को फिर एक बार प्रमाणित किया है।