ईरान ने 23 जून की शाम को कतर में स्थित अमेरिकी एयरबेस अल-उदीद पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की, जब पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर था । कुल मिलाकर 14 से 19 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से अधिकांश कतर की वायु रक्षा ने सफलतापूर्वक रोक दीं; केवल एक मिसाइल रक्षापंक्ति चकितकर उड़ती चली गई, लेकिन किसी को क्षति नहीं पहुंची ।
इस हमले की आशंका से दोहा के विलेगिओ मॉल में अचानक अफरा-तफरी मच गई, जहाँ दुकान-दर-दुकान लोग भागने लगे—पैनिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें महिलाएँ-बच्चे-पुरुष नजदीकी निकासों की ओर भागते दिखे । कतर सरकार ने नागर विमानन को भी बंद कर दिया, और विदेश मंत्रालय ने इसे “राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन” बताया ।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे ईरान की “बहुत कमजोर” प्रतिक्रिया बताया और कहा कि अग्रिम चेतावनी ने किसी हताहत को टाल दिया । यह हमला इज़राइल और ईरान के बीच शांति प्रयासों के माहौल में आया—कुछ रिपोर्टों के अनुसार, दो पक्षों के बीच क्रमिक संघर्षविराम पर सहमति बनी ।