प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार राज्य जीविका निधि साहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने 105 करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किए। यह योजना ग्रामीण महिलाओं और स्व-सहायता समूहों को आर्थिक मजबूती देने तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
इस नई पहल का उद्देश्य महिलाओं को माइक्रोफाइनेंस संस्थानों पर निर्भरता से मुक्त करना और उन्हें सस्ती एवं पारदर्शी ऋण सुविधा उपलब्ध कराना है। सरकार का दावा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए निधि हस्तांतरण से पारदर्शिता और गति दोनों सुनिश्चित होंगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह योजना ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक आज़ादी और उद्यमिता को नया आयाम देगी। उन्होंने इसे “महिलाओं की शक्ति को राष्ट्र की प्रगति से जोड़ने वाला शुभ कार्य” बताया।
इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी है, जबकि पंजीकृत क्लस्टर-स्तरीय फेडरेशन भी भागीदार बनाए गए हैं। लगभग 12,000 सामुदायिक कैडरों को टैबलेट्स दिए जा रहे हैं, जिससे गांव-गांव में सेवाओं और जानकारी की उपलब्धता आसान होगी।
कार्यक्रम में लगभग 20 लाख महिलाओं ने वर्चुअल रूप से भाग लिया, जिससे इस पहल का व्यापक जनसमर्थन सामने आया। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह योजना न केवल बिहार बल्कि देशभर में महिला सशक्तिकरण का नया मॉडल बन सकती है।