प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 सितंबर 2025 को चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में भाग लिया। इस सत्र में 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख उपस्थित थे।
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि आतंकवाद के प्रति दोहरे मानकों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने विशेष रूप से पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसकी आतंकवाद के प्रति नीतियों की आलोचना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने SCO को सुरक्षा, संपर्क और अवसर के तीन स्तंभों पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और SCO देशों से भी इसी तरह की प्रतिबद्धता की अपेक्षा करता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए इसे मानवता पर हमला करार दिया और SCO देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत और चीन के संबंध साझेदारी पर आधारित होने चाहिए, प्रतिस्पर्धा पर नहीं। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत चीन के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।