प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 5 जून 2025 को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 190 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन फ्रॉड के मामले में 10 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई श्री सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित संस्थाओं के खिलाफ की गई, जिन पर बैंक ऑफ बड़ौदा (पूर्व में देना बैंक) को धोखा देने का आरोप है।
ईडी की टीमें दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और पानीपत में उन स्थानों पर गईं जो कंपनी के निदेशकों, प्रमोटरों, भागीदारों, लेखा परीक्षकों और अन्य संदिग्धों से जुड़े थे। जांच के दौरान यह पाया गया कि कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बैंक से ऋण प्राप्त किया और धनराशि को अन्यत्र स्थानांतरित कर मनी लॉन्ड्रिंग की।
ईडी ने इन छापेमारियों के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की पुष्टि करते हैं। जांच एजेंसी अब इन साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया गया है, और ईडी इस फ्रॉड की गहराई से जांच कर रही है। इस कार्रवाई से बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों पर सख्त निगरानी और कार्रवाई का संकेत मिलता है।