पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नंगल डैम पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती के केंद्र सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इस तैनाती पर आने वाले ₹8.58 करोड़ के वार्षिक खर्च को अनुचित बताते हुए सवाल उठाया कि जब पंजाब पुलिस पहले से ही डैम की सुरक्षा कर रही है, तो अतिरिक्त खर्च क्यों किया जा रहा है।
मान ने कहा कि यह राशि या तो भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) या पंजाब सरकार से वसूली जाएगी, जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम पंजाब के जल अधिकारों को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि वह इस मुद्दे को 24 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में उठाएंगे।
गौरतलब है कि BBMB ने 296 CISF कर्मियों की तैनाती के लिए ₹2.9 लाख प्रति व्यक्ति के हिसाब से ₹8.58 करोड़ की राशि जमा करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, BBMB को इन कर्मियों के रहने, परिवहन और अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था करने को भी कहा गया है।
पंजाब और हरियाणा के बीच जल वितरण को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह निर्णय आया है, जिसमें पंजाब ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर दिया था। इस विवाद के चलते पंजाब पुलिस ने डैम की सुरक्षा बढ़ा दी थी, और अब केंद्र सरकार ने CISF की तैनाती का आदेश दिया है।