चंडीगढ़/बैठिंडा: पंजाब में यह आपदा 1988 के बाद की सबसे भीषण बाढ़ बनकर उभर रही है। राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, इस आपदा से 23 जिलों के 1 902 गांव प्रभावित हुए हैं और 3.84 लाख से अधिक लोग संकटग्रस्त हुए हैं । दुखद रूप से, पिछले 24 घंटे में 6 नई मौतों की पुष्टि हुई है, जिससे कुल मृत्यु संख्या बढ़कर 43 हो गई है।
अंग्रेजी समाचार के मुताबिक, 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, और 196 राहत शिविरों में 21,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं गुढ़ग्राम की स्थिति विशेष रूप से भयावह बनी हुई है, जहां 1 लाख एकड़ से अधिक फसलें तबाह हुई हैं।
ब्हाक्रा बांध में जलस्तर खतरनाक 1,678.97 फीट तक पहुंच चुका है—जो केवल एक फुट दूर है—बाढ़गेट खोलकर 80,000–85,000 क्यूसक प्रति सेकंड पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे रोपड़ जिले में नांगल और आनंदपुर साहिब जैसे क्षेत्रों में आपात स्थिति बन गई है । अधिकारियों ने इन इलाकों में लगातार अलर्ट जारी किया है।
राज्य सरकार ने भूस्खलन और जल स्तर से उत्पन्न खतरों को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है।
इस त्रासदी ने पंजाब के सबसे नाजुक बाढ़-प्रबंधन ढांचे और बचाव प्रणाली की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। राज्य प्रशासन, एनडीआरएफ और रक्षा बलों को मिलाकर राहत प्रयासों में जुटा दिया गया है, ताकि जन-जीवन को भारी नुकसान से बचाया जा सके।