भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 26 अगस्त 2025 को विशाखापत्तनम में नौसेना के दो स्वदेशी उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट — INS उद्धयनगरी और INS हिमगिरि — का लोकार्पण करते हुए उन्हें “फ्लोटिंग F-35” का उपनाम दिया। उन्होंने कहा, “एक देश के पास उड़ने वाला F-35 है, और आपने बनाया है एक तैरता हुआ F-35, जो स्वदेश में बना है।”
ये युद्धपोत ‘Project 17A’ के तहत बनाए गए हैं, जिनमें 75% से अधिक स्वदेशी सामग्रियाँ उपयोग की गई हैं, और इन्हें मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ने मिलकर निर्मित किया है। यह नौसेना की Warship Design Bureau द्वारा डिज़ाइन की गई 100वीं और 101वीं पनडुब्बियाँ हैं।
इन जहाजों में आठ ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, अत्याधुनिक हथियार और सेंसर प्रणाली, सतह से हवा और सतह से सतह मिसाइलें, टॉरपीडो लांचर, और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम्स लगाए गए हैं, जो इन्हें “समुद्रों के अजेय रक्षक” बनाते हैं।
राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में भारतीय नौसेना का कोई भी जहाज विदेशी देश में नहीं बनाया जाएगा—यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम है।