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स्टारलिंक के भारत प्रवेश के लिए 1.6 करोड़ रुपये शुल्क और 2G स्पेक्ट्रम घोटाले जैसी कड़े नियम लागू

स्टारलिंक के भारत प्रवेश के लिए 1.6 करोड़ रुपये शुल्क और 2G स्पेक्ट्रम घोटाले जैसी कड़े नियम लागू

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनी स्टारलिंक के प्रवेश के लिए सरकार ने कड़े नियम और शुल्क तय किए हैं। अधिकारियों के अनुसार, स्टारलिंक को भारत में अपनी सेवा शुरू करने के लिए 1.6 करोड़ रुपये की फीस अदा करनी होगी। इसके अलावा, उसे 2G स्पेक्ट्रम घोटाले जैसी क़ानूनी शर्तों का पालन करना होगा, ताकि भारत के टेलीकॉम नियमों और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन न हो।

2G स्पेक्ट्रम घोटाले में हुए बड़े आर्थिक नुकसान और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने स्टारलिंक के लिए ऐसे नियम बनाए हैं जो पारदर्शिता, जवाबदेही और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। ये नियम भारतीय टेलीकॉम बाजार में विदेशी कंपनियों के लिए एक मिसाल भी बनेगा।

स्टारलिंक को भारत के दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत काम करना होगा, और भारत में अपनी नेटवर्क सेवाओं के लिए सभी आवश्यक लाइसेंस और परमिट हासिल करने होंगे। कंपनी की यह पहल भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों में तेज और सस्ती इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने की सरकार की महत्वाकांक्षा से मेल खाती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्टारलिंक सफलतापूर्वक भारत में अपनी सेवाएं शुरू करता है, तो इससे डिजिटल कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आएगा और ग्रामीण व दूरस्थ इलाकों में इंटरनेट पहुंच बढ़ेगी। हालांकि, इस कदम के साथ सरकार ने सुरक्षा और नियमों का सख्ती से पालन भी सुनिश्चित किया है।

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