एस जयशंकर का ‘चुनिंदा चयन’ पर तंज, 6,500 किमी समुद्री सीमा की याद दिलाई ढाका के यूनुस को

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में बांग्लादेश के नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस की टिप्पणी पर पलटवार किया। उन्होंने ‘चुनिंदा चयन’ (Cherry-Picking) करने की आलोचना करते हुए भारत के रणनीतिक महत्व और विशाल समुद्री सीमा की अहमियत पर जोर दिया।

जयशंकर ने कहा कि भारत केवल उत्तर-पूर्वी क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी 6,500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा इसे वैश्विक व्यापार और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की विकास नीति सभी क्षेत्रों को जोड़कर बनाई गई है और इसे किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं किया जा सकता।

जयशंकर की यह टिप्पणी तब आई जब यूनुस ने हाल ही में भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास और कनेक्टिविटी को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं। भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी कनेक्टिविटी नीति समग्र विकास को ध्यान में रखकर बनाई जाती है।

इस बयान को भारत की विदेश नीति के स्पष्ट रुख के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह संदेश जाता है कि भारत अपनी संप्रभुता और रणनीतिक हितों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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