लगातार हुई भारी बारिश से गंगा और यमुना नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे पूरे शहर में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई इलाकों जैसे दारागंज, रसूलाबाद, दशाश्वमेध घाट आदि में नदी का पानी फैल चुका है, श्मशान घाट जलमग्न हो गए। परिणामस्वरूप शवदाह के लिए सड़कों पर लंबे समय तक कतारें लग रही हैं क्योंकि घाटों में अंतिम संस्कार करना संभव नहीं है।
शहर में जलविभाजन लागू होने के कारण विद्युत शवदाह गृह में भी अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं, लेकिन जगह की कमी और मशीन खराब होने से कतार और लंबी हो गई हैं। एक समय पर 8–9 शवों का साथ-साथ दाह किया जा रहा है।
राज्य आपदा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज जिला की 61 वार्ड व 150 स्थानीयताओं में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है और 10,000 से अधिक घरों में पानी घुसा है। लगभग 8,386 लोग 18 राहत शिविरों में सुरक्षित रह रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र एवं राज्य सरकार की राहत और बचाव कार्यों में व्यापक कमी पर तीखा प्रहार किया और कहा कि तात्कालिक सेवाओं, खाद्य, पानी और स्वास्थ्य सहायता की भारी कमी है।