कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर हालिया बयान को भारत के लिए “गंभीर रूप से निराशाजनक” बताया है। उन्होंने इसे चार प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से समझाया।
- पीड़ित और अपराधी के बीच गलत समानता
थरूर ने कहा कि ट्रंप का बयान भारत और पाकिस्तान के बीच समानता स्थापित करता है, जबकि पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद में संलिप्तता ऐतिहासिक रूप से सिद्ध है। - पाकिस्तान को अनावश्यक वार्ता का अधिकार देना
उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप ने पाकिस्तान को वार्ता का अधिकार दिया है, जो उसने आतंकवाद के माध्यम से नहीं कमाया है। भारत कभी भी आतंकवादी बंदूक की नोक पर वार्ता नहीं करेगा। - कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण
थरूर ने कहा कि ट्रंप का बयान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने की कोशिश करता है, जबकि भारत इसे आंतरिक मामला मानता है और कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं चाहता। - भारत और पाकिस्तान को एक साथ जोड़ना
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप का बयान भारत और पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर एक साथ जोड़ता है, जो दशकों से नहीं हुआ था और यह एक महत्वपूर्ण कदम पीछे की ओर है।
थरूर ने इस पूरे घटनाक्रम को भारत की कड़ी मेहनत से अर्जित कूटनीतिक स्थिति को कमजोर करने वाला बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कभी भी किसी विदेशी देश से मध्यस्थता नहीं चाहता है, खासकर जब वह खुद इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम है।
यह बयान ट्रंप के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने में मदद की। भारत ने इसे एक द्विपक्षीय समझौता बताया था।