सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई कथित सांप्रदायिक हिंसा की SIT (विशेष जांच टीम) से जांच कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में दावा किया गया था कि राज्य सरकार मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है, इसलिए अदालत को हस्तक्षेप कर SIT गठन का आदेश देना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि याचिका में कोई ठोस आधार या तथ्य नहीं हैं, जिनके आधार पर अदालत हस्तक्षेप कर सके। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जांच एजेंसियों पर शक मात्र से विशेष जांच टीम गठित नहीं की जा सकती।
इस मामले में याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान गई और प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। हालांकि, अदालत ने कहा कि ऐसी याचिकाएं बिना पर्याप्त सबूतों के दाखिल की जाती हैं, जिससे न्यायिक व्यवस्था पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है, जबकि विपक्ष ने इसे “न्याय की अनदेखी” बताया है। अब यह मामला फिर से राजनीतिक बहस का विषय बन गया है।