मणिपुर में जातीय हिंसा के दो साल, बंद से प्रभावित जनजीवन, शांति की उम्मीदें दम तोड़ रही

मणिपुर में आज, 3 मई 2025 को, 2023 में शुरू हुए जातीय संघर्ष की दूसरी बरसी पर राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद का आयोजन विभिन्न संगठनों ने किया है, जिसमें कूकी और मेइती समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

इस बंद के कारण इम्फाल घाटी और कूकी-प्रभुत्व वाले पहाड़ी जिलों, जैसे चुराचांदपुर और कंगपोकपी में जनजीवन प्रभावित हुआ है। सभी बाजार, शैक्षणिक संस्थान और सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद हैं। संगठनों ने काले ध्वज फहराने और मोमबत्ती मार्च आयोजित करने का भी आह्वान किया है।

यह जातीय संघर्ष मई 2023 में शुरू हुआ था, जब कूकी समुदाय ने मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इसके परिणामस्वरूप हिंसा भड़क उठी, जिसमें 260 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए।

अभी भी कई लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और अपने घरों को लौटने का इंतजार कर रहे हैं। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है।

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने मणिपुर सरकार से विस्थापितों की शीघ्र पुनर्वास की अपील की है, ताकि राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो सके।

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