एम.के. स्टालिन ने राज्यपालों के अधिकारों पर केंद्र के सुप्रीम कोर्ट संदर्भ की आलोचना की

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यपालों के विधेयकों पर सहमति देने की समयसीमा तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से राय मांगने के कदम की आलोचना की है। उन्होंने इसे “राज्य की स्वायत्तता पर हमला” और “संविधान की मूल संरचना से छेड़छाड़” करार दिया है।

स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्यपालों के माध्यम से विपक्ष शासित राज्यों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अन्य विपक्षी शासित राज्यों से इस कानूनी संघर्ष में शामिल होने की अपील की है।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्र ने राष्ट्रपति के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से यह राय मांगी कि क्या संविधान में निहित प्रावधानों के तहत राज्यपालों को विधेयकों पर सहमति देने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित की जा सकती है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि द्वारा 10 विधेयकों पर सहमति न देने के कदम को असंवैधानिक और गलत ठहराया था।

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