सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी मामलों पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जवाब तलब किया है। यह कार्रवाई एक वरिष्ठ नागरिक दंपति की शिकायत के आधार पर की गई है, जिन्होंने आरोप लगाया कि धोखेबाजों ने फर्जी कोर्ट आदेशों के माध्यम से उन्हें ₹1.05 करोड़ की ठगी का शिकार बनाया।
कोर्ट ने कहा कि जमानत आदेशों और न्यायाधीशों के हस्ताक्षरों की नकल करके लोगों को डराना और उनसे पैसे वसूलना न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सीधा हमला है। यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
मामले में हरियाणा के अंबाला से दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, और कोर्ट ने हरियाणा पुलिस और CBI से जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने महाधिवक्ता से भी सहायता की मांग की है।
यह कदम डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों और न्यायपालिका की छवि को लेकर बढ़ती चिंता को दर्शाता है। नागरिकों को इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।