भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को 25% से बढ़ाकर 42% करने के सरकारी आदेश को चुनौती दी गई थी। इससे कुल आरक्षण 67% तक पहुंच जाता, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50% की सीमा से अधिक है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा और चुनाव मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के तहत ही होंगे। अदालत ने यह भी कहा कि तेलंगाना हाईकोर्ट को मामले पर स्वतंत्र रूप से विचार करने दिया जाएगा।
यह मामला तब सामने आया जब राज्य चुनाव आयोग ने 26 सितंबर को जारी सरकारी आदेश के आधार पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि, 9 अक्टूबर को तेलंगाना हाईकोर्ट ने इस आदेश पर छह सप्ताह की अंतरिम रोक लगा दी थी, यह कहते हुए कि यह आरक्षण सीमा का उल्लंघन करता है।
तेलंगाना सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। अब राज्य सरकार को स्थानीय निकाय चुनाव 50% आरक्षण सीमा के भीतर ही आयोजित करने होंगे।